1) Introduction to Backpain :-
Backpain/पीठ दर्द आज के ज़माने में ये आम सी बात हो गए है हर व्यक्ति चाये छोटा हो या बड़ा सभी पीठ दर्द से कही न कही परेशान है। पहले backpain/पीठ दर्द को बड़े लोग/बुजुर्गो का दर्द माना जाता था, लेकिन समय के अनुसार इस की भी धारणा भी बदल गए है।
आज के जमाने में Backpain ने कही न कही हर उम्र के व्यक्ति को जकड़ रखा है। तो हम आज आपको पीठ दर्द के बारे में आपको कुछ जानकारी देते है जो आपको इसको समझ ने में मदद प्रदान करेगी। हमारे शरीर को सीधा रखने में रीढ़ की हड्डी का मुख्य योगदान है,पूरे शरीर का वजन हमारी रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है।
हमारा स्पाइनल कॉलम रीढ़ की हड्डी [Spinal cord ] + Spinal nerves + Spinal vertebra से मिलके बना होताहै । जो Spinal nerves है वो Spinal vertebra के बीच में से निकलती है जब कभी Spinal vertebra के बीच का space काम होता है तब ये Spinal nerves को कंप्रेस करती है जिस के कारण पीठ दर्द होता है ये ही मुख्य कारण है Back pain का। जब कभी भी इन nerves का कम्प्रेशन [compression ] होता है या nerves का ब्लॉकेज [blockage ] होता है तो पीठ दर्द होता है ।
तो अब जानते है की पीठदर्द के क्या-क्या लक्षण है
2) Symptoms of Backpain [पीठदर्द के लक्षण]:-
1. पीठ के निचले हिस्से में मांसपेशियों में दर्द होना ।
2. अचानक या लगातार लम्बे समय से तेज पीठ दर्द होना ।
3. गर्दन /ऊपरी पीठ या पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द होना ।
4. दर्द जो झुकने पर या किसी चीज को उठाने पर या खड़े रहने पर या चलने पर ज्यादा होता
है ।
5. कई बार दर्द पीठ से होता हुआ पैर तक पहुंच कर साइटिका [sciatica ] के दर्द को भी
produce कर सकता है ।
6. Psis[Posterior superior illiac spine] के स्तर पर कोई पुराना दर्द ।
3) Cause of Backpain [पीठदर्द के कारण]:-
1. बैठने की गलत आदत [Bad sitting habits]:-
Backpain का सबसे बड़ा व main कारण है बैठने की गलत आदत, हम कई बार बैठने में गलती करते है फिर थोड़ा दर्द होता है लेकिन हम इस पर ध्यान नहीं देते और वैसे ही बैठे रहते है जिसके कारण दर्द और बढ़ जाता है बाद में ये आदत से बन जाती है और दर्द बढ़ता जाता है और हमें पता भी नहीं चलता।
2. एक स्थान पर लंबे समय तक बैठे रहना [Long standing sitting at one site]:-
एक जगह पर लम्बे समय से बैठे रहने के कारण हमारी रीद की हड्डी पर दबाव बढ़ता है जिस के कारण Spinal nerves का कम्प्रेशन [ compression ] हो जाता है जो दर्द को बढ़ाता है ।
3. खड़े रहने का गलत तरीका [Improper posture]:-
एक पैर पर लगातार खड़े रहना ,एक पैर से दूसरे पैर के ऊपर रख के खड़े रहना , किसी जगह के सहारे एक पैर पर खड़े रहना जैसे दीवार पर पैर लगा के खड़े रहना। ये सब आदते पीठदर्द को बढाती है।
4. व्यायाम की कमी [Lack of exercise]:
–व्यायाम की कमी आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर कोई पैसे कमाने में लगा रहता है जिसके कारण अपने शरीर को समय नहीं दे पाते जिसके कारण मासपेशिया कमजोर हो जाती है और जब कोई भारी वस्तु को उठाते है तब Spinal cord पर दबाव बढ़ता है तब कमजोर मासपेशिया के कारण दर्द उत्पन होता है।
5. दुर्घटना [Accident]:-
कई बार दुर्घटना वश रीढ़ की हड्डी पर चोट लग जाती है जिस के कारण रीढ़ की हड्डी का दर्द उतपन हो जाता है।
6. खेल के दौरान चोट लगना [Sports injury]:-
कई बार खेलते वक़्त चोट लग जाती है जिसके कारण भी रीढ़ की हड्डी का दर्द उत्पन हो जाता है।
7. नीरस जीवन शैली [Sedentary lifestyle]:-
नीरस जीवन शैली का मतलब है किसी भी तरह है का कोई भी शारीरिक परिश्रम नहीं करना , किसी भी तरह की एक्सरसाइज नहीं करना ,बैठे बैठे खाते रहना, अत्यधिक वजन नीरस जीवन शैली के प्रतीक है।
8. नींद लेने का गलत तरीका [Improper sleeping]:-
गलत तरीके से सोना भी एक बढ़ा कारण है जिसमे पैर के ऊपर पैर रख के सोना, गलत तरह के गद्दे का इस्तेमाल करना, गलत तकिये का चयन करना ये सभी कारण पीठदर्द को बढ़ाते है।
4) Risk factor Related to Backpain [जोखिम कारक]: –
1. आयु: – पीठदर्द सभी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित करता है लेकिन बढ़ती उम्र वाले व्यक्ति ज्यादा प्रभावित होते है।
2. व्यायाम की कमी: – व्यायाम की कमी के कारण मांसपेशियों की ताकत खराब होती है जिससे भारी काम के दौरान मांसपेशियों में दर्द और अकड़न होती है।
3. अधिक वजन[Over weight]: – अधिकांश रोग अधिक वजन के कारण शरीर में दर्द उत्पादित करते है।
4. रोग: – कुछ रोग जैसे गठिया, कैंसर, स्पोंडिओलिसिस – बैकपेन में योगदान करते हैं।
5. नींद न आना: – नींद न आने से मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन होता है ,जो ही पीठ दर्द को बढ़ाने
में उत्तरदायी है।
6. धूम्रपान: – धूम्रपान करने से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे कारण रक्त में पोषण की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे फलस्वरुप पीठ में दर्द होता है।
5) BackPain Diagnosis by:-
1. एक्स-रे[X-RAY]
2. एमआरआई[MRI]
3. सीटी स्कैन[CT-Scan]
4. Electromyogram
5. रक्त परीक्षण[BLOOD TEST]
6. हड्डी स्कैन[Bone scan]
7. तंत्रिका अध्ययन[Nerve studies]
6) रोकथाम [Prevention]: –
1. तैरना :- तैरना सबसे बढ़िया एक्सरसाइज है जिस में तैरते वक़्त gravitation force के कारण पीठ पर कम दबाव पड़ता है और तेरेते वक़्त पैरो के इस्तेमाल से मासपेशिया मजबूत होती जो पीठ दर्द को कम करने में सहायक है।
2. चलना :- चलने से भी मासपेशिया मजबूत होती है जिसके प्रभाव से पीठदर्द को कम करने में सहायता मिलती है।
3. साइकिल चलना :- साइकिल चलाने से पैरो पर प्रभाव पड़ता है, साथ में blood सर्कुलेशन भी बढ़ाता है,मासपेशिया भी मजबूत होती है जो पीठदर्द को कम करने में अहम भूमिका निभाती है।
4. व्यायाम: –
a) पेट में ऐंठन[Abdominal crunches]

b) श्रोणि झुकाव[Pelvic tilt]

c) स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज[Stretching exercise]
5. लंबर सपोर्ट बेल्ट का इस्तेमाल करे ,लंबर सपोर्ट बेल्ट रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट करता है जिसके कारण पीठ दर्द को कम करने में सहायता प्रदान करता है।
6. खड़े रहने का सही तरीका जो ऊपर खड़े रहने के गलत तरीके बता ये गयी है उनको ध्यान में रखे।
7. बैठने का सही तरीका ,इस के साथ में अच्छी लंबर सपोर्ट कुर्सी का इस्तेमाल करे।
8. सोने के सही तरीके का अनुसरण करे ,अच्छे गद्दे का इस्तेमाल करे। यदि गद्दा बहुत नरम और बहुत कठिन है तो ये भी पीठ दर्द को हो सकता इसलिए गद्दा जांचे कही ये तो आपके पीठदर्द का कारण नहीं है।
9. किसी भी भारी वस्तु को उठाते वक़्त घुटनो को झुकाके उठाये ये आदत पीठ दर्द को कम करने में सहायक है।
7) Drugs Given by doctor during back pain [डॉक्टर आपको कमर दर्द के प्रकार के आधार पर निम्नलिखित दवाई देंगे] :-
1. ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) पैन किलर : – नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी), जैसे कि इबुप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन आईबी, अन्य) या नेपरोक्सन सोडियम (एलेव), इनका इस्तेमाल तीव्र पीठ दर्द से राहत दिला सकता है। इन दवाओं को केवल अपने चिकित्सक द्वारा निर्देश के अनुसार ही लें। इनके जायदा लम्बे समेसे या अति प्रयोग से गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
2. मांसपेशियों में आराम के लिए :- मांसपेशियों में आराम के लिए muscle relaxant का इस्तेमाल किया जाता है muscle relaxant के इस्तेमाल से चक्कर आना , अत्यधिक नींद आना इसके दुष्परिणाम [ side effect ] है। इन्हे केवल चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही ले।
3. टोपिकल पैन रिलीवर [ topical pain reliever ]:- ये क्रीम होती है जैसे moov ,volini , iodex ,इनका इस्तेमाल दर्द वाली जगह किया जाता है इनको दर्द वाली जगह रगड़ ते है जिसके कारण ये deep पैन को superficial ट्रांसफर कर देते है जिसके कारण दर्द काम होता है। इनमे जहा पर क्रीम लगाए है वहा का खून का प्रवाहः बाद जाता है जिस के कारण गर्मी उत्पन होती जिस से मांसपेशियों को आराम मिलता है।
4. नारकोटिक्स [narcotics ]:- ओपिओद युक्त ड्रग जैसे के मॉर्फिन[ morphine ] का थोड़े समाये के लिए इस्तेमाल किया जाता है ज्यादा दिन इन के इस्तेमाल से इनकी आदत सी हो जाती है।
5. एंटीडिप्रेसेंट [antidepressent ] :-कुछ प्रकार के एंटीडिपेंटेंट्स की कम खुराक – विशेष रूप से ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स, जैसे कि एमिट्रिप्टिलाइन, नॉर्ट्रिप्टीलीन, ट्रिमैटेलाइन, – को अवसाद पर उनके प्रभाव को कम कर ने में इस्तेमाल किया जाता है ।
6. कोर्टीसोन इंजेक्शन :- इसको सबसे अंतिमं रूप में इस्तेमाल किया जाता है क्यों की इसके अधिक साइड इफ़ेक्ट होते है।
FAQ Related to Back pain :-
Q बैकपेन का मुख्य कारण क्या है ? [What is the main cause of back pain ]
A– बैक पैन का मुख्य कारण है कोई mechanical injury या इंटरवर्टेब्रल डिस्क [ intervertebral disc ] का डैमेज होना , compression ऑफ़ intervertebral nerves और रीढ़ के जॉइंट का सही तरह से काम नहीं करना मुख्य कारण है।
Q क्या बेड रेस्ट बैक पैन को काम करता है? [ Does bed rest help back pain reliving]
A-बेड रेस्ट सबसे पहले किया जाने वाला उपचार है,क्यों की बेड रेस्ट करने से लंबर muscle स्ट्रेन से आराम मिलता है जो बैक पैन को कम करने में सहायक है।
Q लोअर बैक पैन किस कारण होता है? [what are the cause of lower back pain ]
A– लोअर बैक पैन लंबर स्ट्रेन[ lumber strain ], नर्व कम्प्रेशन[ Nerve compression ],बोन डेफोर्मलिटी [ bone Deformality ], और कंडीशन ऑफ़ joints एंड बोन के कारण होता है।